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Kerala के George Jacob Koovakad की सफलता की कहानी:

Kerala के Thiruvananthapuram में 11 August 1973 को जन्मे Monsignor George Jacob Koovakad का जीवन एक प्रेरणादायक यात्रा है। 24 July 2004 को पादरी के रूप में अभिषेकित होने के बाद, उन्होंने diplomatic service के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया और Vatican की प्रतिष्ठित Pontifical Ecclesiastical Academy से शिक्षा पूरी की। Koovakad की असाधारण क्षमता और समर्पण के कारण, 2020 से वे Pope Francis की international travels का आयोजन कर रहे हैं।

Monsignor George Jacob Koovakad की सेवा का सफर:

Monsignor Koovakad ने 2006 में Vatican की diplomatic service में प्रवेश किया। उन्होंने Algeria, South Korea, Iran, Costa Rica और Venezuela में Apostolic Nunciatures में सेवा दी। 2020 से, वे Vatican State Secretariat में कार्यरत हैं और Pope की international travels का नेतृत्व कर रहे हैं। उनके नेतृत्व और संगठन क्षमता के कारण उन्हें ‘Smiling Dictator’ के नाम से भी जाना जाता है, जो उनके खुशमिजाज व्यक्तित्व और अनुशासन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

George Jacob Koovakad

Pope की यात्रा का नेतृत्व करने वाले पहले Indian

Pope Francis ने उन्हें एक विशेष मान्यता दी है। 2021 में, उन्होंने George Jacob Koovakad के बारे में कहा, “वह हमेशा मुस्कुराते रहते हैं।” उनके संगठित और अनुशासित नेतृत्व के कारण, Koovakad अब Pope Francis की travels के प्रमुख आयोजक बन चुके हैं। पिछले साल, Pope Francis ने एक यात्रा के दौरान Koovakad की दादी, Sosamma Antony, जो 95 वर्ष की हैं और COVID-19 से उबरी हैं, को video call के माध्यम से आशीर्वाद दिया था।

George Jacob Koovakad

Syro-Malabar Church के गौरव

Syro-Malabar Church, जो Rome के साथ पूरी तरह से जुड़ा हुआ है, में Monsignor George Jacob Koovakad पाँचवें Cardinal बन गए हैं। Church के Major Archbishop Raphael Thattil ने कहा, “हम सभी को इस उपलब्धि पर गर्व है। उन्होंने हमेशा Church की सेवा की है और अब एक आध्यात्मिक नेता के रूप में उनकी पहचान हो रही है।”

8 December 2024 को होगा Cardinal के रूप में अभिषेक

George Jacob Koovakad को आधिकारिक रूप से 8 December 2024 को Cardinal के रूप में अभिषेकित किया जाएगा। यह आयोजन Vatican City में St. Peter’s Basilica में होगा। इस अभिषेक के साथ ही, George Koovakad विश्वव्यापी Church में एक महत्वपूर्ण और गतिशील भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

India के पहले सीधे तौर पर चुने गए Cardinal

Monsignor Koovakad का यह चुनाव खास इसलिए भी है क्योंकि वे India के पहले पादरी हैं जिन्हें सीधे तौर पर Cardinal के पद पर आसीन किया गया है। उनके इस उच्च पद पर चयन से India में Church के समुदाय में भारी उत्साह है। उनके इस अद्वितीय योगदान के कारण, वे Indian Catholic Church के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।