शर्मिष्ठा पानौली गिरफ्तारी का मामला इन दिनों सोशल मीडिया और न्यूज़ मीडिया में छाया हुआ है। इंस्टाग्राम पर अपलोड किए गए एक वीडियो के कारण एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावना आहत हुई, जिसके बाद यह पूरा विवाद शुरू हुआ।
मामला क्या है?
पुणे की एक लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पानौली को कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार, 30 मई 2025 को गुरुग्राम, हरियाणा से गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, उन्होंने कई बार शर्मिष्ठा और उनके परिवार को कानूनी नोटिस भेजने की कोशिश की, लेकिन वे गायब (absconded) हो गए थे। इसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जिसके तहत उन्हें अरेस्ट किया गया।
कोर्ट में क्या हुआ?
शनिवार, 31 मई को उन्हें अलीपुर कोर्ट, कोलकाता में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
किस वीडियो से बढ़ा विवाद?
यह विवाद एक इंस्टाग्राम वीडियो से जुड़ा है जिसमें शर्मिष्ठा पानौली की बातों से एक समुदाय की धार्मिक भावना आहत हुई। FIR Garden Reach Police Station में दर्ज की गई थी।
हालांकि, शर्मिष्ठा ने 15 मई को वह वीडियो हटा दिया था और एक सार्वजनिक माफी भी जारी की थी, लेकिन पुलिस ने इसे अपर्याप्त माना और कानूनी कार्रवाई जारी रखी।
सोशल मीडिया और कानून
यह मामला हमें यह सिखाता है कि सोशल मीडिया पर कहे गए शब्द कितने प्रभावशाली और संवेदनशील हो सकते हैं। शर्मिष्ठा पानौली गिरफ्तारी ने यह साबित किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी जरूरी है।
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निष्कर्ष
शर्मिष्ठा पानौली की गिरफ्तारी सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। सोशल मीडिया पर कोई भी कंटेंट शेयर करने से पहले सोचें कि वह किसी की भावनाओं को ठेस तो नहीं पहुंचा रहा।